वेबसाइट पर उपलब्ध है मां का दूध

वेबसाइट पर उपलब्ध है मां का दूध

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भारत में पहला मदर मिल्क बैंक कोलकाता में खोला गया है. इससे उन तमाम माओं और नवजात के जीवन में खुषियां  पसरेंगी जो मां के दूध से वंचित रह जाते हैं और माएं अपनी नवजात संतान को छाती से लगाकर दूध पिलाने की ममता से मरहूम रह जाती हैं. हमारे देष में इस तरह के मदर मिल्क की षुरुआत अब हुई है जबकि विदेषों में मदर मिल्क बैंक तो कई सालों से चल रहे हैं और अब तो सोषल नेटवर्किंग साइट और कई अन्य तरह के माध्यमों से मां का दूध उपलब्ध करवाया जा रहा है.

हाइटैक जमाने में अब सब कुछ संभव हो गया है. इंटरनेट का बढ़ता प्रभाव अब आम आदमी की जिंदगी में इस कदर घुल गया है कि अब सारा काम इंटरनेट के जरिए ही करना चाहते हैं. सोषल नेटवर्किंग साइट के जरिए मम्मियां पैसे की चाहत में अपना दूध बेच रही हैं. एक ओर जहां अपने फिगर को संतुलित रखने की चाह में मॉडर्न महिलाएं अपने बच्चों को अपना दूध नहीं पिलाना चाहती वहीं ब्रिटेन और अमेरिका की मम्मियां पैसे की चाह में अपना दूध बेच रही हैं. ये काम वो सोषल नेटवर्किंग साइट फेसबंक और फौरन कम्युनिटी की मदद से कर रही हैं.

पिछले दिनों अखबार डेली मेल ने मदर मिल्क इन सेल पोस्ट में लिखा है कि मां का दूध खरीदना या बेचना काफी साफ और निजी तरीके से किया जाता है, ताकि वो हेल्दी रहे. डोनर महिलाएं डिमांड के अनुसार ताजा दूध सप्लाई करती हैं. साइट के अनुसार यहां मिल्क बैंक में दूध देने और लेने दोनों का ही एक उचित प्रबंध है. जो माताएं अपने बच्चे को किसी कारणवष दूध नहीं पिला पातीं, उनके दूध को ही यहां स्टोर किया जाता है और पायष्चराइज्ड किया जाता है. इसके साथ ही जो महिलाएं अपना दूध बेचने आती हैं पहले उनका गंभीरता से हेल्थ चेकअप किया जाता है, उनके दूध की लैबोरेटरी में जांच की जाती है कि इसमें किसी भी तरह के वायरस तो नहीं हैं खासकर एचआइवी और हेपेटाइटिस जैसी बीमारी की आषंका तो नहीं है, उसके बाद एक खास तकनीक के बाद यह दूध उपलब्ध करवाया जाता है. विदेषों में मां का दूध खरीदने के नियम बड़े सख्त हैं और चाहे कोई भी वेबसाइट पर इन विज्ञापनों को प्रदर्षित नहीं कर सकता है. सिर्फ रजिस्टर्ड संस्थाएं ही ब्रेस्ट मिल्क खरीद और बेच सकती हैं और अपना विज्ञापन दे सकती हैं.

 

मांओ के चेहरे पर खुषी ला रहा सोषल मीडिया

सोषल मीडिया महज गपषप करने का ही प्लेटफॉर्म नहीं बल्कि सोसायटी के हेल्प का भी एक बढ़िया साधन है,

इसका नजारा ऑस्ट्रेलिया में देखने को मिल रहा है. यहां जो मांए अपने बच्चों को दूध पिलाने में असमर्थ हैं वे सोषल मीडिया के जरिए उन अजनबी महिलाओं की हेल्प ले रही हैं जो अपना ब्रेस्ट मिल्क देने को तैयार है.

 

सोसायटी की मदद

हा्रूमन मिल्क 4 हा्रूमन बेबीज ऐसा ही एक नेटवर्क है. जिन पेरेंट्स को ब्रेस्ट मिल्क की जरूरत है और जो महिलाएं मुफ्त में इसे देने को तैयार हैं, यह नेटवर्क उन दोनों को आपस में जोड़ता है. इस नेटवर्क पर जहां कई पैरेंट्स ने ब्रेस्ट मिल्क की मांग की है वहीं कई महिलाआेंं ने इसे देने पर सहमति जताई है.

 

मकसद है खास

इस नेटवर्क के जरिए सिर्फ छोटे बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि उन लोगों के लिए भी ब्रेस्ट मिल्क का इंतजाम होता है जिन्हें इसकी जरूरत है. ऐसे में एक वाकये में एक महिला ने कैंसर से पीड़ित अपने पति के लिए इसकी मांग की थी. डॉक्टरों ने महिला को सुझाव दिया था कि ब्रेस्ट मिल्क से उसके पति का इम्यून सिस्टम मजबूत होगा. महिला की इस मांग पर कई यूजर्स ने अपना ब्रेस्ट मिल्क डोनेट किया.

 

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