Movie Review: ‘पीके’

pk

Genre: कॉमेडी ड्रामा

Director: राजकुमार हिरानी

रेटिंग-  4

कहानी

पीके  एक एलियन है। जब उसका यान धरती पर उतरता है और वह बाहर आता है, तो खुद को एक नई दुनिया में देखकर हैरत में पड़ जाता है। इसी दौरान पीके का लॉकेट (जिससे वह अपने ग्रह के संपर्क में रह सकता था) कोई चुरा लेता है। पीके अपने लॉकेट को ढूंढता है, लेकिन वह उसे नहीं मिलता। वह अपने लॉकेट को ढूंढते हुए  शहर में दाखिल होता है और यहाँ उसकी मुलाकात एक टीवी रिपोर्टर जगत जननी (अनुष्का शर्मा) से होती है । अपनी लॉकेट की तलाश करते हुए वह भोजपुरी भी सीख जाता है और इसी भाषा में संवाद करता है। वह व्यवसाय में तब्दील हो चुके धर्म से बंधक बन चुके भगवान को मुक्त कराने की बात करता है, जो लोगों को अटपटी लगती है। फिल्म मासूम पीके  के साथ मनोरंजक ढंग से आगे बढ़ती है, जिसमें उसके साथ कुछ लोग जुड़ते चले जाते हैं। पीके की बातों का धीरे-धीरे लोगों पर असर पड़ता है। पीके कहता है कि धार्मिक आस्था पे सवाल नहीं उठाये जाते क्योंकि ये विश्वास का मामला है। कई बार तो इस मामले में तो कई दफा गोली भी खानी पड़ जाती है।

 

‘पीके’ में निर्देशक राजकुमार हिरानी ने धर्म और भगवान पर इतने सवाल उठाए हैं कि फिल्म खत्म होते-होते लगता है कि हमने भगवान की उस मूरत को धो के साफ कर दिया है, जिसे सालों से ढोंगी धर्माधिकारियों ने गन्दी कर मुनाफे का जरिया बनाया हुआ था। फिल्म यह दिखाने की सफल कोशिश करती है कि एक दूसरे ग्रह से आए हुए इन्सान और इस धरती के आम इन्सानों की तकलीफ कितनी मिलती-जुलती है।

एक्टिंग

पीके की भूमिका में आमिर खान ने अविस्मरणीय अभिनय किया है। बाकी कलाकारों ने भी अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। अनुष्का शर्मा फिल्म में अच्छी लगती हैं और उनका किरदार जगत जननी ताजगी का अहसास करवाता है। संजय दत्त अनूठे लगे हैं।बोमन ईरानी और सौरभ शुक्ला बहुत मजेदार है और सुशान्त सिंह राजपूत बहुत फ्रेश लगते हैं।