तो ये है मोदी के चार्मिंग पर्सनालिटी का राज

तो ये है मोदी के चार्मिंग पर्सनालिटी का राज

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नरेंद्र मोदी ने अपनी कड़ी मेहनत और नीतियों से सिर्फ विरोधियों को ही नहीं बल्कि पडोसी देशों को भी हैरान कर दिया है। सभी यह जानने को उत्सुक हैं कि आखिर मोदी के बैलेंस पर्सनालिटी का राज क्‍या है;

सुबह 5 बजे उठना

-नित्यकर्म के बाद योग और हल्का सा व्यायाम करना।

-स्नान करना।

सबसे पहले ई-मेल पढ़ना और उनके जवाब देना।

-घर पर आने वाले अखबार पढ़ना और इंटरनेट पर राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय खबरें पढ़ना।

-ब्रेकफस्ट में ज्यादातर पोहा, खाखरा और भाखरी

सुबह 7 बजे से

-राज्य के सभी इलाकों से आए अखबारों में से कोर टीम द्वारा कटिंग कर संकलित की हुई खबरों को ध्यान से पढ़ना। इसमें खुद के, सरकार के और बीजेपी के बारे में छपी खबरें खास तौर पर संकलित की जाती हैं।

-इन खबरों को लेकर और ई-मेल से संबंधित व्यक्ति को फोन कर खुद बात करना।

दिन का प्लान ऑफ ऐक्शन तैयार करना

सुबह 8 बजे से

-बुलाए गए और जरूरी लोगों से मुलाकात करना

जिन मुद्दों पर फीडबैक लेना जरूरी होता है उनसे जुड़े अफसरों को तुरंत बुलवाया जाता है। फोन पर भी अपडेट लिया जाता है।

-जिन कार्यक्रमों में जाना होता है, उनके बारे में जानकारी इकट्ठा करना और इसकी अन्य तैयारियां करना।

सुबह 10 बजे तक दफ्तर-

रुटीन काम शुरू करना

-फाइलों को क्लियर करना या उनके बारे में अधिकारियों से परामर्श लेना

अपॉइंटमेंट के अनुसार लोगों से मिलना

-मंत्रियों और अधिकारियों से मौजूदा और भावी योजनाओं पर परामर्श करना और उनका फीडबैक लेना।

दोपहर करीब 1:30 बजे

-मीटिंग और रुटीन काम के दौरान दोपहर में समय मिलने पर भोजन करना

-भोजन में दाल, चावल, सब्जी, रोटी और मूंग की दाल नियम से

दोपहर 2 बजे लंच के बाद

-विभागों के मुख्य सचिवों से मीटिंग और पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन लेना।

-बीच में गर्म पानी या अदरक वाली चाय लेना

-शाम तक सचिवालय के काम निपटाना।

शाम 6 बजे से

पार्टी के कार्यक्रमों का ब्योरा लेना और भावी कार्यक्रमों के बारे में बातचीत करना।

ज्यादा से ज्यादा सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होना।

शाम 6 बजे के बाद

अत्यंत जरूरी सरकारी कामों पर अधिकारियों से मीटिंग या प्रेजेंटेशन लेने की कवायद देर शाम तक चलती है।

-किसी को इंटरव्यू देते हैं तो उसका समय इन सभी कामों के बाद आता है।

-करीबी व्यक्तियों से मिलना या फोन पर बातचीत करना

रात 9 बजे के बाद

-हल्का सा भोजन करना, जिसमें ज्यादातर खिचड़ी शामिल होती है।

-दूसरे दिन की प्लैनिंग, नए मुद्दों पर सोचना या संबंधित व्यक्तियों से फोन पर बात करना।

-दिन भर में आए मेसेज और अनअटेंडेंट कॉल्स का जवाब देना रात 12 बजे तक जारी रहता है।

रात करीब 12:30 बजे सोने से पहले नियमित रूप से किताब या मैगजीन पढ़ते हैं।