सनी लियोनी के साथ क्‍या कर रहें हैं हनी

वोदका पीकर सनी लियोनी के साथ क्‍या कर रहें हैं हनी

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यो यो हनी सिंह और सनी लियोनी के फैंस के लिए एक खुशखबरी है और वो ये कि इनका 2014 का मोस्ट अवेटेड सॉन्ग ‘चार बोतल वोदका’ कल (26 फरवरी) रिलीज हो गया है। इस सॉन्ग में बोल्ड सनी और रैपर हनी सिंह डांस फ्लोर पर धूम मचाते नजर आ रहे हैं।

 

गाने की लिरिक्स काफी पैपी है और हनी-सनी ने मिलकर इस गाने को और भी ज्यादा बोल्ड बनाया है। सॉन्ग में सनी और हनी स्लो मोशन में डांस करते हुए भी नजर आए हैं।

 

हनी सिंह के हर गाने की तरह इस गाने में भी शराब और शबाब का भरपूर इस्तेमाल है। हनी जहां गाने में डांस करते हुए नजर आ रहे हैं, वहीं शबाब का बीड़ा सनी लियोनी पर है। इस डिस्को नंबर को इंटरनेशनल स्टाइल में फिल्माया गया है। सॉन्ग में हनी का रैप तो कमाल का है।

 

सनी के ठुमके और हॉट अंदाज को गाने की यूएसपी कहा जा सकता है। वैसे, इससे पहले ‘रागिनी MMS-2’ का सॉन्ग ‘बेबी डॉल’ भी सुर्खियों में रहा था। वहीं बात करे ‘चार बोतल वोदका’ सॉन्ग की, तो यह पार्टी नंबर सुनने में काफी मसालेदार है।

 

सनी लियोनी और यो यो हनी सिंह गाने में अपने अंदाज से एकता कपूर की फिल्म ‘रागिनी MMS-2’ को हिट करवाने में कामयाब हो सकते हैं। सिनेमाघरों में एकता कपूर प्रोड्यूस और भूषण पटेल डायरेक्टेड यह फिल्म 21 मार्च को रिलीज हो रही है।

 

स्कूल में 3 घंटे बैठती हैं ऐश्वर्या

बेटी के लिए स्कूल में 3 घंटे बैठती हैं ऐश्वर्या

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बच्चन परिवार की सबसे प्यारी और छोटी सदस्य आराध्या ने स्कूल जाना शुरू कर दिया है। आराध्या प्ले स्कूल में जा रही है, जिससे पूरे बच्चन परिवार में खुशी का माहौल है। आराध्या की मां और बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय को भी इस बात पर काफी गर्व हो रहा है। हालांकि, ऐश अपनी प्यारी बेटी के साथ रोजाना स्कूल जाती हैं। वो उसे प्ले के दौरान कंपनी देती हैं और हमेशा उसके करीब रहती हैं।

करीबी सूत्र ने बताया, “आराध्या काफी फ्रेंडली बच्ची है और वो स्कूल के वातावरण में काफी आसानी से ढल रही है। वो स्कूल के दूसरे बच्चों को जल्दी-जल्दी अपना दोस्त बना रही है, लेकिन ऐश्वर्या स्कूल में आराध्या को लंबे समय तक खुद से दूर नहीं रहने देतीं।”

 

छोटी सी आराध्या जब स्कूल के क्लासरूम में बैठती है, तब उसकी मां ऐश्वर्या तीन घंटे तक प्रिंसिपल के चेंबर में बैठती हैं। ऐश्वर्या के दोस्त ने बताया, “ऐश खुद को शांत रखती हैं। शुरुआत में बहुत सारे बच्चों और उनके माता पिता ने आराध्या के साथ ऐश्वर्या को स्कूल में देखा, तो वो काफी एक्साइटेड हो गए थे। तब से ऐश खुद को शांत रखती हैं साथ ही वो पब्लिक एरिया से भी दूर रहती हैं। वो रूम में शांत रहकर स्क्रिप्ट पढ़ती हैं और अर्जेंट कॉल ही अटेंड करती हैं। जब आराध्या का समय पूरा हो जाता है तब वो खुशी-खुशी उसे अपने साथ घर ले जाती हैं।”

 

छोटी सी आराध्या जब स्कूल के क्लासरूम में बैठती है, तब उसकी मां ऐश्वर्या तीन घंटे तक प्रिंसिपल के चेंबर में बैठती हैं। ऐश्वर्या के दोस्त ने बताया, “ऐश खुद को शांत रखती हैं। शुरुआत में बहुत सारे बच्चों और उनके माता पिता ने आराध्या के साथ ऐश्वर्या को स्कूल में देखा, तो वो काफी एक्साइटेड हो गए थे। तब से ऐश खुद को शांत रखती हैं साथ ही वो पब्लिक एरिया से भी दूर रहती हैं। वो रूम में शांत रहकर स्क्रिप्ट पढ़ती हैं और अर्जेंट कॉल ही अटेंड करती हैं। जब आराध्या का समय पूरा हो जाता है तब वो खुशी-खुशी उसे अपने साथ घर ले जाती हैं।”

 

बच्चन परिवार की मानें तो, आराध्या का दिमाग काफी तेज है और वो चीजों को जल्दी समझ लेती हैं, लेकिन उसकी मां ऐशवर्या को बेटी का मेहनत करना अच्छा नहीं लगता। उनके दोस्त कहते हैं, “ऐश मां के तौर पर रोल-मॉडल हैं। वो बेटी आराध्या को खाना खिलाते वक्त दिनभर की सारी जानकारी लेती हैं। हालांकि, अब उन्हें बच्ची की छुट्टी और स्टूडियो के बीच टाइम को लेकर थोड़ी चिंता जरूर होने लगी है।”

 

आराध्या की छुट्टी के दौरान ऐश्वर्या अपनी कमबैक फिल्म का बड़ा हिस्सा शूट कर सकती हैं। बच्चन परिवार के दोस्त ने बताया, “सेट पर बेटी से बात करना उनके लिए कोई विकल्प नहीं होगा।”

 

 

फूलों की चादर बिछी है यहां

फूलों की चादर बिछी है यहां

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फूलों की इस घाटी को देखते ही आपको बचपन में सुनी राजकुमार और परी की वो कहानी ज़रूर याद आएगी जिसमें वो फूलों के बगीचे में छिप-छिप कर मिलते थे। बगीचे के रंग-बिरंगे फूल उनसे बातें करते थे। यकीन मानिए, यहां की खूबसूरती किसी परी लोक से कम नहीं है।

एक देश ऐसा भी है जहां फ्लावर फेस्टिवल मनाया जाता है। इस फेस्टिवल की प्रसिद्धि का आलम यह है कि हर साल देश-विदेश से लाखों की तादाद में पर्यटक इसे देखने के लिए पहुंचते हैं। इस मेले में आपको अपने चारों तरफ रंग-बिरंगे फूल ही फूल नजर आएंगे। ऐसा लगेगा जैसे पूरी घाटी में लाल, गुलाबी और सफेद फूलों की चादर बिछी हुई हो। द फूजी शिबजकुरा  फेस्टिवल जापान में लगता है;

यह मेला फूजी फाइव लेक्स एरिया में लगता है। फूजी जापान की पर्वत श्रृंखला का नाम है। शिबजकुरा का मतलब है बारहमासी फूल का पौधा। फूलों के इन पौधों की लंबाई 1.5 सेंटीमीटर होती है। यह फूल चेरी के फूल जैसा ही होता है।

शिबा का मतलब बाग होता है और जकुरा का मतलब चेरी का खिलना। इस तरह देखा जाए तो इसका मतलब निकलता है बाग में खिली हुई खूबसूरत चेरी। इस फेस्टिवल को देखने के लिए हर साल देश-विदेश से 90 लाख लोग आते हैं।

इस फेस्टिवल में आप 80 हजार से ज़्यादा गुलाबी, लाल और सफेद फूलों की खूबसूरती को निहार सकते हैं।

ये मेला अप्रैल के मध्य में लगता है, लेकिन टूरिस्ट यहां मई में भी भारी तादाद में पहुंचते हैं। मई में टूरिस्टों को गुलाबी फूल के पांच प्रकार देखने को मिलते हैं। फूलों की इस घाटी को पैदल घूमने में लगभग दो घंटे का समय लगता है।

सुबह इस घाटी में बहुत भीड़ होती है। सुबह के मनोरम दृश्य को देखने के लिए भारी तादाद में पर्यटक पहुंचते हैं। फोटोग्राफी का शौक रखने वाले टूरिस्ट फूजू घाटी में दोपहर में भी आ सकते हैं। यह वक्त फोटोग्राफी के लिए उपयुक्त होता है। इस वक्त लाइट भी फोटोग्राफी के अनुकूल रहती है।

स्टाइलिश इयर काफ्स

स्टाइलिश इयर काफ्स

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किसी ने सही कहा है कि इतिहास खुद को दोहराता है ठीक वैसे ही जैसे पुराना फैशन फिर से नए अंदाज और स्टाइल मं लोगों को लुभाता है.  हम बात कर रहे हैं ईयर काफ्स की जो इंडोवेस्टर्न ड्रेसेज पर आपको एलिगेंट लुक देते हैं. वैसे बॉलीवुड सेलीब्रेटीज भी खुद को खूबसूरत लुक देने के लिए इसका इस्तेमाल कर रही हैं. यह आपकी खूबसूरती को भी चार चांद लगा देता है.

यह ईयर काफ्स आपको अलग-अलग डिजाइन और रंगों में मिल जाएगा. तो देर किस बात की अगर आप भी चाहते हैं कुछ नया एक्सपेरिमेंट करना तो फिर हो जाइए तैयार.

 

 

 

कॉमेडी शोज़ में पैसे लेकर हंसते हैं लोग?

कॉमेडी शोज़ में पैसे लेकर हंसते हैं लोग?

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कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’, ‘मैड इन इंडिया’, ‘कॉमेडी सर्कस’ और ‘वाह, वाह क्या बात है’ जैसे टीवी पर आने वाले कॉमेडी शोज़ में मौजूद दर्शक बात-बात पर हँसते हैं, ठहाके लगाते हैं.

कई बार तो ऐसी-ऐसी बातों पर ये लोग हँस देते हैं जो हमें उतनी मज़ेदार ही नहीं लगतीं. ऐसे में ये सवाल उठना लाज़िमी है कि क्या वाकई इन शोज़ की विषय वस्तु इतनी बेहतरीन होती है या फिर परदे के पीछे की सच्चाई कुछ और है?

शोज के एजेंट का कहना हैं कि “हमसे दर्शक सप्लाई करने को कहा जाता है. इनमें ज़्यादातर कॉलेज स्टूडेंट्स, संघर्षरत मॉडल्स और स्ट्रगलर्स होते हैं. इन तमाम शोज़ में मौजूद 50 से 70 प्रतिशत दर्शक नकली होते हैं. अच्छे दिखने वाले लड़के और लड़कियों को आगे की सीट पर बैठाया जाता है. और बाक़ी लोगों को पीछे. इन लोगों की आठ से 12 घंटे की शिफ़्ट होती है लेकिन कई बार कुछ घंटों का इंतज़ार भी करना पड़ता है.”

इन नकली दर्शकों को इसके लिए पैसे दिए जाते हैं. कई संघर्षरत टीवी कलाकार या मॉडल्स इन शोज़ में दर्शकों के रूप में आकर नेटवर्किंग का काम करते हैं ताकि उन्हें आगे काम मिल सके.

कई लोगों के लिए ये पैसे कमाने का ज़रिया होता है इसलिए ये लोग बार-बार अलग-अलग शोज़ में जाते रहते हैं. इन्हें टीवी की भाषा में ‘रिपीट ऑडिएंस’ कहा जाता है.

बेइज़्ज़तीके बाद मिलते हैं पैसे

‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’ में कई बार शो के होस्ट कपिल शर्मा वहां मौजूद दर्शकों में से किसी-किसी का बड़ा मज़ाक उड़ाते हैं. कोई फ़्री में भला अपनी बेइज़्ज़ती क्यों करवाएगा. जिन दर्शकों का मज़ाक उड़ाना तय होता है उन्हें बाक़ी लोगों की तुलना में ज़्यादा पैसे मिलते हैं. सब कुछ स्क्रिप्ट के हिसाब से होता है. शो में आए स्टार्स से क्या सवाल पूछने हैं, क्या बोलना है, कब ताली मारनी है सब हमें बताया जाता है.”

एजेंट का कहना है कि भारतीय दर्शकों को प्रति एपिसोड एक से दो हज़ार रुपये और विदेशी दर्शकों को तीन से चार हज़ार रुपये और खाना मिलता है.

 

फिगर मेंटेन कर रही है करीना

किसके लिए फिगर मेंटेन कर रही है करीना

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करीना इन दिनों अपने फिगर को मेंटेन करने में जुटी हुई हैं। बेबो फिगर को पति सैफ या किसी और के लिए नहीं, बल्कि अपनी अपकमिंग फिल्म ‘बॉम्बे समुराई’ के लिए कर रही हैं।

करीना फिल्म ‘बॉम्बे समुराई’ को लेकर काफी एक्साइटेड हैं और वह चाहती हैं कि फिल्म में वह एकदम परफेक्ट नजर आएं। इसी के चलते वह खुद को मेंटेन करने में जुटी हुई हैं। बेबो ने फिलहाल अपनी डायट को काफी संतुलित कर लिया है।

आपको बता दें कि ‘बॉम्बे समुराई’ में करीना कपूर के अपोजिट फरहान अख्तर हैं। फरहान की साल 2013 में फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ रिलीज हुई थी, जिसमें उन्होंने अपनी बॉडी और मिल्खा सिंह का लुक पाने के लिए कड़ी मेहनत की थी।

देव बेनेगल के निर्देशन में बन रही फिल्म ‘बॉम्बे समुराई’ की शूटिंग इस साल के आखिर में शुरू होने के उम्मीद है। इस फिल्म में करीना और फरहान के अलावा अभय देओल, अक्षय खन्ना, कल्कि कोचलिन और नवाजुद्दीन सिद्दिकी भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में नजर आएंगे।

खूबसूरती के लिए नहीं लगाते बिंदी

सिर्फ खूबसूरती के लिए नहीं लगाते बिंदी

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आमतौर पर बिंदी को लेकर यही मान्यता है कि यह स्त्रियों के सुहाग की निशानी है। वृद्धजन और विद्वान अक्सर कहते हैं कि बिंदी के बिना स्त्रियों का माथा शोभा नहीं देता है। इन्हीं मान्यताओं के चलते बिंदी लगाने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है।

स्त्री के सोलह श्रृंगार बताए गए हैं। इनमें बिंदी का महत्वपूर्ण स्थान है। विवाह से पूर्व लड़कियां बिंदी केवल सौंदर्य में वृद्धि के लिए लगाती हैं, लेकिन विवाह के बाद बिंदी सुहाग की निशानी बन जाती है।

इस परंपरा को योग विज्ञान की दृष्टि से देखा जाए तो बिंदी का संबंध हमारे मन से जुड़ा हुआ है। मस्तक पर जहां बिंदी लगाई जाती है, वहीं हमारा आज्ञा चक्र स्थित होता है। यह चक्र हमारे मन को नियंत्रित करता है। जब भी हम ध्यान लगाते हैं, तब हमारा ध्यान यहीं केंद्रित होता है।

जब भी मन को एकाग्र किया जाता है तो आज्ञा चक्र पर ही दबाव दिया जाता है। इसी आज्ञा चक्र पर स्त्रियां बिंदी लगाती हैं, ताकि उनका मन एकाग्र रहे।

महिलाओं का मन अति चंचल होता है। उनका मन बदलने में पलभर का भी समय नहीं लगता। वे एक समय में एक साथ कई विषयों पर चिंतन करती रहती हैं। अत: उनके मन को नियंत्रित और स्थिर रखने के लिए बिंदी लगाना बहुत कारगर उपाय है। इससे मन शांत और एकाग्र बना रहता है। शायद इन्हीं फायदों को देखते हुए प्राचीन ऋषि-मुनियों द्वारा बिंदी लगाने की अनिवार्य परंपरा प्रारंभ की गई है।

बिंदी लगाने के हैं ये 3 खास फायदे-

– बिंदी लगाने से सौंदर्य में वृद्धि होती है।

– विवाहित स्त्री के सुहाग का प्रतीक है।

– मन को स्थिर रखने में बहुत ही कारगर उपाय है।

 

फ्रंट स्लिट इन STYLE

 फ्रंट स्लिट इन STYLE

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फैशन की दुनिया में इन दिनों फ्रंट स्लिट स्टाइल खूब पसंद किया जा रहा है। रैम्प से लेकर पार्टीज और अवॉर्ड फंक्शन तक में ऐसी ड्रेस में सेलेब्रिटीज नजर आ रही हैं। कल्कि कोचलिन को ही लें तो उन्होंने जाल वर्क का ग्रीन गाउन पहना है, जिसमें फ्रंट स्लिट आकर्षक लुक दे रहा है।

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प्रियंका चोपड़ा ने ‘गुंड’ के एक प्रमोशनल इवेंट में ब्लैक टॉप के साथ न्यूड शेड का फ्रंट स्लिट स्कर्ट पहना है। एक अवॉर्ड फंक्शन में प्राची देसाई पीच कलर का फ्रंट स्लिट गाउन पहने पहुंचीं।

इसके अलावा प्रीति देसाई ने भी ब्लैक फ्रंट स्लिट गाउन पहनकर एक फंक्शन में शिरकत की। प्रिया त्रिवेदी ने हेमा मालिनी की बेटी आहना देओल की शादी में यह ब्लैक साड़ी गाउन पहना है।

क्‍या फर्क पड्ता है कौन देख रहा है

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अक्सर घरेलू महिलाएं सस्ती पैंटी या ब्रा खरीदती हैं, जिसके पीछे उनकी यह सोच होती है कि कौन देख रहा है, जबकि यह बेहद गलत है क्योंकि अक्सर पाया गया है कि महिलाओं के जेनिटल्ज में इन्फेक्शन होने का एक बड़ा कारण गलत इनर वियर्स का चुनाव करना होता है। इसलिए बाजार में उपलब्ध बहुत महंगी पैंटी न पहनें लेकिन अपनी आवश्यकतानुसार बेहतर क्वॉलिटी की पैंटी का चुनाव करें

पैंटी लेते समय उसके साइज का ध्यान रखें क्योंकि अक्सर महिलाओं को तीन साइज स्मॉल, मीडियम व लार्ज का पता होता है और वे इन्हीं में से अपनी पैंटी का चुनाव करती हैं। हालांकि महिलाओं को अपनी बॉडी टाइप व साइज के अनुसार ही पैंटी का चुनाव करना चाहिए। वैसे भी बाजार में पैंटी के अब और भी साइज अवेलेबल हैं।
पैंटी लेने से पहले अपने कपड़ों पर गौर कर लें कि आप अधिकतर क्या पहनती हैं? यदि आप निचली कमर की पैंट या स्कर्ट पहनती हैं तो निचली कमर तक की पैंटी लें। सूट सलवार या साड़ी के लिए तो सामान्य कॉटन की पैंटी ही उपयुक्त होती है। लेकिन अगर आप कोई ऐसी वेस्टर्न ड्रेस पहनने जा रही हैं तो ध्यान रखें कि आप की पैंटी का रंग भी ड्रेस से मेल खाता हुआ हो।

ऐसा नहीं करने पर आप की पैंटी का रंग पूरी दुनिया को दिख जाएगा। वैसे भी आप को लगभग हर रंग की पैंटी को अपने पास रखना चाहिए। न जाने कब या कौन सी ड्रेस के साथ आपको किस पैंटी की आवश्यकता पड़ जाए।

पैंटी का चयन करते समय पहले यह निर्धारित कर लें कि आप को कौन से मौके के लिए पैंटी पहननी है। मौके के अनुसार पैंटी का चुनाव करना भी बेहद आवश्यक होता है। अगर आप वर्कआउट, योगा या व्यायाम करने जा रही हैं तो ऐसी पैंटी का चयन करें जिनसे पसीना निकलता रहे। अगर आप चुस्त कपड़े पहन रही हैं तो ऐसी पैंटी जैसे थोंगस पहनें ताकि पैंटी की लाइनिंग दिखने का डर न रहे।

हनीमून के लिए आप को सेक्सी पैंटी खरीदनी चाहिए। वे महिलाएं जिनके शरीर का निचला भाग भारी हो, उन्हें ऐसी पैंटी पर ध्यान देना चाहिए जिनसे उनका भारी पेट या हिप्स छिप सके।

पैंटी की खरीदारी करते समय पैंटी के फैब्रिक पर गौर करना न भूलें। वैसे तो सूती फैब्रिक से बनी पैंटी अच्छी होती हैं क्योंकि उनसे पसीना आदि आराम से सूख जाता है और कई तरह के इन्फेक्शन होने का खतरा भी कम हो जाता है। लेकिन सेक्सी पैंटी के लिए आप साटन, लाइक्रा या मेश से बनी पैंटी की ओर रुख कर सकती हैं। इसके अलावा बाजार में अब कई प्रकार की फैंसी पैंटी भी उपलब्ध हैं। आप मौके के अनुसार उनका भी उपयोग कर सकती हैं।

‘शादी के साइड इफेक्ट्स’

‘शादी के साइड इफेक्ट्स’

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‘शादी के साइड इफेक्ट्स’ 2006 में आई मल्लिका शेरावत और राहुल बोस की फिल्म ‘प्यार के साइड इफेक्ट्स’का सीक्वल है।  फिल्म का फर्स्ट पार्ट कोई बहुत ज्यादा खास कमाल नहीं दिखा पाया था।

फिल्म में प्यार और कमिटमेंट को लेकर बातें की गई थीं। आठ साल बाद उन्हीं किरदारों को लेकर ‘शादी के साइड इफेक्ट्स’ बनाई गई है। इसमें शादी के बाद एक कपल को किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है, यह दिखाया गया है।

स्टारकास्ट बदल गई है। अब फिल्म में लीड रोल फरहान अख्तर और विद्या बालन प्ले कर रहे हैं। दोनों के किरदारों के नाम सिड और तृषा है। दोनों शादी कर लेते हैं। शादी के कुछ समय बाद तृषा की मां बनना चाहती है मगर सिड इसके लिए तैयार नहीं है। वह अपने करियर पर फोकस करना चाहता है।

दोनों इस बात पर झगड़ने लगते हैं फिर सिड मान जाता है। तृषा मां बन जाती है, दोनों इस नई जिम्मेदारी को संभालते हुए कैसे आगे बढ़ते हैं। उनकी लाइफ में नए मेहमान के आने से क्या परिवर्तन आते हैं, इसे फिल्म में मजाकिया अंदाज में दिखाया गया है।